. के.वी.शर्मा, संपादक,
भारतीय नौसेना ने भारतीय सेना के साथ घनिष्ठ समन्वय में आयोजित द्विवार्षिक संयुक्त अभ्यास जल प्रहार का सफलतापूर्वक समापन किया। इस अभ्यास का उद्देश्य भारत के पूर्वी समुद्री तट पर उभयचर अभियानों में अंतर-सेवा तालमेल, परिचालन योजना और कार्यान्वयन को प्रमाणित और सुदृढ़ करना था।यह अभ्यास दो चरणों में आयोजित किया गया। विशाखापत्तनम में बंदरगाह चरण (16-20 सितंबर) में आईएनएस घड़ियाल पर सेना के जवानों के प्रवेश और एकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसमें जहाज पर प्रशिक्षण, सुरक्षा संबंधी ब्रीफिंग, नाविक जीवन के प्रति अभिमुखीकरण,
सौहार्द बढ़ाने के लिए खेल और बातचीत सत्र शामिल थे। समुद्री चरण (21-23 सितंबर) में उभयचर अभियानों का निष्पादन हुआ, जिसमें काकीनाडा में कठिन समुद्र तट पर उतरना, हल्के लड़ाकू विमानों और बीएमपी का प्रक्षेपण, और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) और संयुक्त प्रशिक्षण प्रोटोकॉल का सत्यापन शामिल था।
भारतीय नौसेना ने भारतीय सेना के साथ घनिष्ठ समन्वय में आयोजित द्विवार्षिक संयुक्त अभ्यास जल प्रहार का सफलतापूर्वक समापन किया। इस अभ्यास का उद्देश्य भारत के पूर्वी समुद्री तट पर उभयचर अभियानों में अंतर-सेवा तालमेल, परिचालन योजना और कार्यान्वयन को प्रमाणित और सुदृढ़ करना था।यह अभ्यास दो चरणों में आयोजित किया गया। विशाखापत्तनम में बंदरगाह चरण (16-20 सितंबर) में आईएनएस घड़ियाल पर सेना के जवानों के प्रवेश और एकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसमें जहाज पर प्रशिक्षण, सुरक्षा संबंधी ब्रीफिंग, नाविक जीवन के प्रति अभिमुखीकरण,
सौहार्द बढ़ाने के लिए खेल और बातचीत सत्र शामिल थे। समुद्री चरण (21-23 सितंबर) में उभयचर अभियानों का निष्पादन हुआ, जिसमें काकीनाडा में कठिन समुद्र तट पर उतरना, हल्के लड़ाकू विमानों और बीएमपी का प्रक्षेपण, और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) और संयुक्त प्रशिक्षण प्रोटोकॉल का सत्यापन शामिल था।



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