के.वी.शर्मा, संपादक,
पूर्वी तट रेलवे के पहले मालगाड़ी लोकोमोटिव (WAG9HC), जिसमें स्वदेशी कवच ट्रेन टक्कर परिहार प्रणाली (TCAS) लगी है, को वाल्टेयर के मंडल रेल प्रबंधक श्री ललित बोहरा ने आज, 1 सितंबर, 2025 को डीजल लोको शेड, विशाखापत्तनम (डीएलएस/वीएसकेपी) में वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर (डीजल) श्री एमके साहू और अन्य अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
कवच एक अत्याधुनिक प्रणाली है जिसे ट्रेनों की टक्करों को रोकने के लिए विकसित किया गया है, जो कैब के भीतर लोको पायलटों को सीधे वास्तविक समय की सिग्नल जानकारी प्रदान करती है। एक सुरक्षित वायरलेस नेटवर्क के माध्यम से स्टेशन इंटरलॉकिंग सिस्टम और लोकोमोटिव के बीच डेटा का आदान-प्रदान करके और ट्रैक पर लगे RFID टैग का उपयोग करके, कवच लोकोमोटिव की सटीक स्थिति सुनिश्चित करता है।डीजल लोको शेड को चरण 1 कमीशनिंग के लिए 123 कवच इकाइयाँ प्राप्त हुई हैं। सिस्टम परीक्षण के लिए, डीजल लोको शेड द्वारा एक समर्पित "स्टेशन कवच" और 500 मीटर का परीक्षण ट्रैक स्थापित किया गया हैकवच उपकरण, आमने-सामने की टक्करों और सिग्नल संबंधी दुर्घटनाओं से स्वचालित सुरक्षा प्रदान करता है। यह लोको पायलटों को वास्तविक समय की जानकारी और इंटरलॉकिंग प्रदान करता है, जिससे सुरक्षा मानकों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित होता है। कवच का शुभारंभ भारतीय रेलवे की परिचालन सुरक्षा और आधुनिकीकरण के प्रति प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण कदम है।



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