. के.वी.शर्मा, संपादक,
स्थानिक एम.वी.पी. शाखा में स्थित गायत्री विद्यापरिषद डिग्री और पी.जी. कॉलेज (स्वायत्त) के सभागार में हिंदी दिवस भव्य रूप से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. गोपाल, सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव असिस्टेंट, ऑफिशियल लैंग्वेजेस, आरआईएनएल, विशाखापत्तनम स्टील प्लांट से पधारे। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय भाषा के साथ हिंदी पढ़ने से विद्यार्थियों को उत्तर भारत में रोज़मर्रा के जीवन और नौकरी के क्षेत्र में अधिक अवसर मिलते हैं।
उन्होंने प्रश्नोत्तर के रूप में अपने वक्तव्य में बताया कि हिंदी सीखने से युवाओं को वक्ता, पत्रकार, अनुवादक, साहित्य-सांस्कृतिक कार्यक्रमों के संचालक जैसे विभिन्न क्षेत्रों में जीविकोपार्जन के अवसर प्राप्त हो सकते हैं, जिससे युवा वर्ग काफी प्रभावित हुआ।श्री डी.वी.एस. कामेश्वर राव, सदस्य, गायत्री विद्या परिषद ने कहा कि उत्तर भारतीय राज्यों में कार्य करते समय हिंदी ज्ञान उनके लिए लाभदायक सिद्ध हुआ। उन्होंने कहा कि यदि भाषा सीखने की लगन और धैर्य हो तो कोई भी भाषा आसानी से सीखी जा सकती है।आचार्य प्रगड़ा राजगणपति, सदस्य, गायत्री विद्यापरिषद ने कहा कि अभिव्यक्ति के माध्यम से मूल्य स्थापित करके प्रगति की ओर अग्रसर होने में भाषा एक प्रमुख साधन है।
स्थानिक एम.वी.पी. शाखा में स्थित गायत्री विद्यापरिषद डिग्री और पी.जी. कॉलेज (स्वायत्त) के सभागार में हिंदी दिवस भव्य रूप से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. गोपाल, सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव असिस्टेंट, ऑफिशियल लैंग्वेजेस, आरआईएनएल, विशाखापत्तनम स्टील प्लांट से पधारे। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय भाषा के साथ हिंदी पढ़ने से विद्यार्थियों को उत्तर भारत में रोज़मर्रा के जीवन और नौकरी के क्षेत्र में अधिक अवसर मिलते हैं।
उन्होंने प्रश्नोत्तर के रूप में अपने वक्तव्य में बताया कि हिंदी सीखने से युवाओं को वक्ता, पत्रकार, अनुवादक, साहित्य-सांस्कृतिक कार्यक्रमों के संचालक जैसे विभिन्न क्षेत्रों में जीविकोपार्जन के अवसर प्राप्त हो सकते हैं, जिससे युवा वर्ग काफी प्रभावित हुआ।श्री डी.वी.एस. कामेश्वर राव, सदस्य, गायत्री विद्या परिषद ने कहा कि उत्तर भारतीय राज्यों में कार्य करते समय हिंदी ज्ञान उनके लिए लाभदायक सिद्ध हुआ। उन्होंने कहा कि यदि भाषा सीखने की लगन और धैर्य हो तो कोई भी भाषा आसानी से सीखी जा सकती है।आचार्य प्रगड़ा राजगणपति, सदस्य, गायत्री विद्यापरिषद ने कहा कि अभिव्यक्ति के माध्यम से मूल्य स्थापित करके प्रगति की ओर अग्रसर होने में भाषा एक प्रमुख साधन है।कॉलेज के प्राचार्य आचार्य के.एस. बोस, श्री डी. गिरिधर (यूजी पाठ्यक्रम निदेशक) ने हिंदी दिवस के अवसर पर शुभकामनाएँ दीं।
इस अवसर पर अध्यापकों और छात्रों द्वारा लिखित कविताओं, निबंधों और चित्रों से सुसज्जित "प्रज्ञा" नामक पत्रिका का विमोचन किया गया।विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी छात्रों को पुरस्कार प्रदान किए गए
कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर के. अनिता, हिंदी विभाग द्वारा किया गया और डॉक्टर रमणी ने वंदना प्रस्तुत की।
इस कार्यक्रम में डॉ. वाराणसी वेंकटेश्वर शर्मा (उप निदेशक, सेंटर फॉर द स्टडीज ऑफ ह्यूमन वैल्यूज़), श्रीमती शेष पद्म (पी.आर.ओ.), अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉक्टर विजयलक्ष्मी, श्रीमती वेदवती (अंग्रेजी विभाग), डॉ. राधिका, श्री के. कृष्ण कुमार (कंप्यूटर विभागाध्यक्ष), डॉ. इलाही, श्री शंकर शास्त्री आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।




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