जैसा कि आप सबको विदित है कि पूर्वांचल कीर्तन मंडली का नामकरण एवं गठन मंडली के संस्थापक श्री भानु प्रकाश चतुर्वेदी एवं सहसंस्थापक श्री शंकर कुमार के द्वारा मार्च सन् 2000 में क्रांति नगर में किया गया । जिसका उद्देश्य भजन कीर्तन,सुंदर कांड, व सनातन संस्कृति का अपने भूतपूर्व सैनिक समाज में प्रचार प्रसार करना और एक दूसरे के सुख दुख में सम्मिलित होना है।
मंडली अपने सहयोगी समिति पूर्वांचल पूजा समिति श्री श्री दुर्गा मंदिर त्रिनाथ पुरम से जुड़कर ,अपने नए कलेवर के साथ , कई सुरीले भजन गायक और गायिकाओं के साथ आप सबकी सेवा में उपस्थित है ।
भगवान का गुणगान जहां निष्कपट भाव से होता है वहां देवता और भगवान, प्रेम की वर्षा करते हैं।
जैसा कि आप सबको ज्ञात है इस मंडली का लक्ष्य आपके दिए गए दान एवं दक्षिणा का निः स्वार्थ भाव से सदुपयोग मां त्रिनाथ पुरम वाली के दरबार में, कथा, सरस्वती पूजा,श्री कृष्ण जन्माष्टमी, छठीहार, एवं अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में किया जाता है। आने वाले 2 अक्तुबर को श्री सीता राम विजय यात्रा व महायज्ञ,तथा महाप्रसाद आप सबके दान एवं सहयोग से ही किया जा रहा है।छठ घाट का पुनरोद्धार , एवं दिसंबर 18 से 25 तक श्री भक्त माल की कथा विशाखापत्तनम में पहली बार आप सबके सहयोग से किया जाएगा ।
संतुष्टि ही भक्ति और दान है, अपना दान वही समर्पित करें जहां उसका सदुपयोग हो और आप तक उसका फल पहुंचे ।
शेष भगवत कृपा ।
जै श्री हरि


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