भाषा विभागों के तत्वावधान में ‘कथांजलि’ कथा–संग्रह एवं सेमिनार ग्रंथ का लोकार्पण
विशाखापट्टनम: सेंट जोसेफ महिला महाविद्यालय के भाषा विभागों के तत्वावधान में “स्वातंत्र्योत्तर तेलुगु–हिन्दी साहित्य में महिला लेखिकाओं का साहित्यिक योगदान” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 8 अक्टूबर को प्रातः 9:30 बजे महाविद्यालय के सेमिनार हॉल में भव्य रूप से किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. सिस्टर शायजी पी.डी. ने की। गांधी सेंटर के अध्यक्ष एवं आचार्य नागार्जुन विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. वी. बालमोहन् दास मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और उन्होंने संगोष्ठी का उद्घाटन किया। अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।संगोष्ठी की संयोजक, कॉलेज की पीआरओ एवं पूर्व द्वितीय भाषा विभागाध्यक्ष डॉ. पी.के. जयरलक्ष्मी ने स्वागत भाषण में संगोष्ठी के उद्देश्य और लक्ष्य का विस्तार से विवरण प्रस्तुत किया। WAJA–AP के अध्यक्ष डॉ. एस. कृष्ण बाबू विशेष अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।मुख्य वक्ता के रूप में विशाखापट्टनम के प्रख्यात साहित्यकार डॉ. डी.वी. सूर्यराव ने स्वातंत्र्योत्तर तेलुगु–हिन्दी साहित्य में महिला लेखिकाओं की रचनात्मक विशेषताओं और साहित्यिक विधाओं के महत्व पर गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथियों ने डॉ. पी.के. जयरलक्ष्मी द्वारा लिखित ‘कथांजलि’ तेलुगु कहानी संग्रह तथा इस संगोष्ठी के लिए तैयार किए गए सेमिनार ग्रंथ का लोकार्पण किया। इस अवसर पर प्रमुख साहित्यकारों को सम्मानित भी किया गया।डॉ. सुधा ने कार्यक्रम का संचालन किया जबकि डॉ. मौसमी ने वंदना प्रस्तुत की।
इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में 70 से अधिक विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों, शोधार्थियों, अध्यापकों एवं राजभाषा अधिकारियों ने भाग लिया और “स्वातंत्र्योत्तर तेलुगु–हिन्दी साहित्य में महिला लेखिकाओं के योगदान” पर अपने शोध–पत्र प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम में द्वितीय भाषा विभागाध्यक्ष डॉ. जे. निर्मला, डॉ. एस. दीप्ति, डॉ. कोटेश्वर राव, वेंकट रत्नम आदि सम्मिलित हुए।




Comments
Post a Comment