न समझे जो ऐसा कोई हो
नहीं सकता...
न गुजरा हो कभी न कभी..
किसी न किसी दर्द के दौर से...
ऐसा भी कोई हो नही सकता....
दर्द का रिश्ता केवल वही
समझता है...
जो दर्द के दौर से गुज़र चुका हो..
या फिर उसके दौर से गुजर रहा हो...
घायल की गति घायल जाने..
और दर्द वाले का दर्द तो दर्द वाला ही
जाने...
जिंदगी तो अपने आप में एक दर्द है...
जब दर्द नहीं है सीने में ...
तो ख़ाक मजा है जीने में...
बचपन में पढ़ाई का दर्द...
जवानी में इश्क प्यार का दर्द...
अगर कर्ज लिया है तो किश्तों का दर्द...
शादी के बाद घरैतिन का दर्द...
सुबह शाम उठते बैठते दर्द ही दर्द...
परिवार में जिसकी न सुनो तो उसका दर्द...
मां की न सुनो तो उनको दर्द...
घरैतिन की सुनो पूरे परिवार को दर्द
दर्द का ये रिश्ता चलता है उम्र भर...
अगर ज्यादा जिंदगी हुई तो दर्द ही दर्द...
कहां तक
बयां करूं हाल ए दिल अपना
चारो ओर अब तो दर्द ही दर्द...
यह जिंदगी खुद में ही एक बहुत बड़ा दर्द है...
. संपादक ,
जेडी न्यूज़ विजन,
हिंदी समाचार पत्रिका
लखनऊ उत्तर प्रदेश,

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