देवकी ने कृष्ण को देखते ही कहा, 'हे नयना! आप तो परमात्मा हैं। आपके पास अनेक दिव्य शक्तियाँ हैं। लेकिन आपने कंस का वध करने और हमें कारागार से मुक्त कराने के लिए 14 वर्ष क्यों प्रतीक्षा की?'
तब कृष्ण ने मुस्कुराते हुए कहा, 'हे माता! मुझे क्षमा करें। आपने मुझे पिछले जन्म में 14 वर्ष वन में रहने के लिए क्यों भेजा था?'
देवकी चौंक गईं और पूछा, 'हे कृष्ण, यह कैसे संभव है? आप ऐसा क्यों कह रहे हैं?'
कृष्ण ने कहा, 'हे माता! आपको अपने पिछले जन्म की कोई स्मृति नहीं है।
लेकिन आप अपने पिछले जन्म में कैकेयी थीं।
आपके पति दशरथ हैं।'
देवकी और भी आश्चर्यचकित हुईं और उत्सुकता से पूछा, 'लेकिन इस जन्म में कौशल्या कौन है?'
कृष्ण बोले...
'और कौन? माता यशोदा! आपने पिछले जन्म में उन्हें 14 वर्षों तक ममता से वंचित रखा था। इस जन्म में उन्हें वह वापस मिल गया है।'
*हर किसी को अपने कर्मों का फल अवश्य भोगना पड़ता है।*
भगवान के भक्त भी उनसे बच नहीं सकते!

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