विशाखापत्तनम : विशाखापत्तनम दर्पण :
ऋषिकोंडा, 20 दिसंबर : ऋषिकोंडा स्थित गायत्री विद्या परिषद के अधीन गायत्री विद्या परिषद महाविद्यालय के केंद्रीय सभागार में स्नातक एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए 13वाँ दीक्षांत समारोह अत्यंत गरिमामय एवं प्रेरणादायी वातावरण में सम्पन्न हुआ।कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीमती उदय पूर्णिमा द्वारा प्रस्तुत सुमधुर प्रार्थना गीत से हुआ। इस अवसर पर परिषद के अध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव, अनुसंधान विभाग के निदेशक, महाविद्यालय के प्राचार्य, स्नातकोत्तर निदेशकगण, मुख्य अतिथि तथा अन्य पदाधिकारी विशेष दीक्षांत वेशभूषा में उपस्थित रहे, जिससे समारोह की गरिमा और अधिक बढ़ गई।समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में आंध्र प्रदेश स्टेट काउंसिल ऑफ हायर एजुकेशन के अध्यक्ष आचार्य डॉ. के. मधु मूर्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता आचार्य पी. एस. राव, अध्यक्ष—गायत्री विद्या परिषद ने की।गायत्री विद्या परिषद के उपाध्यक्ष दक्षिणामूर्ति एवं आचार्य सोमराजू ने मुख्य अतिथि का आत्मीय स्वागत करते हुए परिषद की स्थापना, उसकी विभिन्न शाखाओं, शैक्षणिक विकास यात्रा तथा संस्थान के निर्माण में योगदान देने वाले महानुभावों के अमूल्य योगदान पर प्रकाश डाला। महाविद्यालय के प्राचार्य के. एस. बोस ने अपने प्रतिवेदन में संस्थान की शैक्षणिक उपलब्धियों, अनुसंधान गतिविधियों तथा सह-पाठ्यक्रम एवं पाठ्येत्तर कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। मुख्य अतिथि का औपचारिक परिचय विभागाध्यक्ष सी.एस.सी. (एआई एवं एमएल) आचार्य वी. रमन मूर्ति द्वारा कराया गया।मुख्य अतिथि आचार्य डॉ. के. मधु मूर्ति ने अपने प्रेरणादायी संबोधन में कहा कि विद्यार्थी राष्ट्र के भविष्य के शिल्पकार होते हैं। भारत विविधता में एकता का जीवंत उदाहरण है और यही उसकी सबसे बड़ी शक्ति है। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे अपने ज्ञान, संस्कार और कर्म के माध्यम से देश की गरिमा, सांस्कृतिक विरासत और बौद्धिक सामर्थ्य को विश्व के विभिन्न देशों तक पहुँचाएँ।उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सम्पूर्ण विश्व अनेक सामाजिक, नैतिक एवं वैश्विक चुनौतियों से गुजर रहा है। ऐसे समय में यह हमारा नैतिक दायित्व है कि हम ऐसी शिक्षा प्रणाली का विकास करें, जिसमें आधुनिक विज्ञान, तकनीक और नवाचार के साथ-साथ नैतिकता, मानवीय मूल्य और आध्यात्मिक चेतना का समन्वय हो। ऐसी समग्र शिक्षा ही मानव समाज को नई दिशा प्रदान कर सकती है और सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
आचार्य सोमराजो जी सेक्रेटरी और कॉरस्पॉडेंट, गायत्री विद्या परिषद ने स्नातक विद्यार्थियों को सत्य एवं धर्म के पालन, दैनिक जीवन में आदर्श नागरिक बनने, उत्तरदायित्वपूर्ण कर्तव्यों के निर्वहन तथा अपने-अपने पेशे की गरिमा एवं पवित्रता बनाए रखने की शपथ दिलाई।
परीक्षा नियंत्रक आचार्य डॉ. साई रूप ने जानकारी दी कि दीक्षांत समारोह के अवसर पर 580 विद्यार्थियों को मुख्य अतिथि द्वारा डिग्री प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। उत्कृष्ट शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए 9 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। स्वर्ण पदकों की प्रस्तुति आचार्या आई. एस. पल्लवी द्वारा की गई, जबकि स्नातक विद्यार्थियों की सूची श्री डी. गिरिधर ने प्रस्तुत की।कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसे डॉ. श्रीदेवी ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ ह्यूमन एंड स्पिरिट्युवल वैल्यूज़ के निदेशक , गायत्री विद्या परिषद आचार्य पी. वी. शर्मा, श्री डी. कामेश्वर राव (सदस्य, गायत्री विद्या परिषद), आचार्य पी. राज गणपति सदस्य , गायत्री विद्या परिषद,आचार्य कृष्ण प्रसाद सदस्य , गायत्री विद्या परिषद सहित अनेक प्राध्यापकगण, कर्मचारी एवं गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे
के.वी.शर्मा,
संपादक,







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