भारत जैसा देश महान,
जहां पर कई नदियों का संगम,
उत्तर प्रदेश की पुण्य भूमि पर,
गंगा यमुना और सरस्वती का संगम,
भारत की धरती पवन है,
जहां निर्मल संगमों की धारा,
सदियों से रहा गहरा बंधन,
अपनी संस्कृति की चेतना से,
मैं कितना भाग्यवान हूं,
मेरा जन्म हुआ इस धरती पर,
जहां पर कई नदियों का संगम,
जो पापों को धुला देती है,
-
के. वी. शर्मा,
संपादक
विशाखापट्टनम

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