सागर की लहरों जैसा,
बनना सीखना है,
धरती के सम्मान,
सहनशील बनो,
मिलजुल कर,
काम करने से,
जीवन का नाव,
आगे बढ़ता रहेगा,
जो मेहनत करता,
वह अच्छे फल को पाता ,
मां की मीठी बोली,
मां को निर्मल बनाता,
दूसरों की सेवा करो,
उसी में सभी आनंद है,
जीवन है चलने का,
एक महान अभिशाप,
जीवन को समझो,
समय को देखकर,
आगे बढ़ना सीखो,
कभी विश्राम ना करो
- के .वी. शर्मा,
संपादक,
विशाखापट्टनम दर्पण हिंदी पत्रिका,
विशाखा संदेशम तेलुगू पत्रिका,
विशाखापत्तनम------- आंध्र प्रदेश,
दूरभाष:7075408286

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