". बरसात की रात"
आसमान पर छा गया बादल,
वर्षा को साथ में लाया,
छम छम कर गिर रही,
बारिश की ढेर सारी बंदे,
कितना सुहावना मौसम है,
मंद पवन से चल रही हवा,
आकाश से गिर रहा है,
टीम टीम जल की बूंदे,
आ गया है सावन का महीना,
साथ में लाया बरसात को,
पेड़ पौधों को मिला नया जीवन,
खेतों में फसल लहरा रहे हैं,
यह है बारिश की बूंदे,
क्यों शोर मचा रहा है,
इतना निर्मल है मौसम,
कितना शीतल लग रहा है,
पंजे की पायल कहती है,
उड़ते बादलों को छूना है
बहका बहका मौसम है,
चारों ओर हरियाली छाई है ,
"आ गया सावन"
आ गया सावन का महीना,
मिलेगा हर समस्या से मुक्ति,
आ गया है शिव जी का,
पूजा पाठ करने का समय,
करो शिवजी की पूजा,
बनेंगे शिवजी की कृपा पात्र,
कितना मनोहर लग रहा है,
यह सावन का महीना,
सावन का. महीना है,
आ गया है रक्षाबंधन का,
महत्वपूर्ण त्यौहार,
आकाश में काला बादल,
पेड़ पौधे झूम रहे हैं,
नए विकसित. पत्ते,
कोयल की कुहू कुहू
सुंदर आवाज मां को,
वृक्ष प्रकृति का वरदान,
पेड़ की छाया में,
हमें बड़ा सुहावना,
निराशा को आशा में,
-
"समय का इंतजार"
मनुष्य का तकदीर,
तब बदलता है,
जब. सही समय का,
इंतजार होता है,
समय कभी भी,
हमारे लिए नहीं रुकता,
बल्कि हमें इसका,
इंतजार करना होगा,
सपना जितना भी,
बड़ा होता है,
तकलीफें उतना ही,
बढ़ता रहता है,
हमारा जीवन ही,
तकलीफों के साथ,
जुड़ा हुआ है,
हमें समय का इंतजार करना है,
समय कभी भी,
कमजोर नहीं होता,
लेकिन हम कमजोर हो रहे हैं,
पर एक दिन कामयाबी मिलेगी,
"जमाना बदल रहा"
जमाना तो बदल रहा है,
लेकिन हम नहीं बदल रहे हैं,
हम पाल को भूल जाते हैं,
मगर यादें हमें सताती है,
कभी-कभी नजदीकियां बढ़ती,
लेकिन न जाने समय का क्या होगा,
हमें समझ. में कुछ नहीं आता,
अब समय बदलने लगा है,
आज का इंसान,
शारीरिक और मानसिक,
तनाव से गुजर रहा है जिंदगी,
लेकिन समय बदल रहा है,
घर. पर रहते हुए भी,
घर पर नहीं मन लगता,
दफ्तर में होने पर भी,
मन तो नहीं लगता है, ki
जीवन के सच को,
समझने का प्रयास करो,
तभी ही जीवन में,
आगे बढ़ सकेंगे,
- के वी शर्मा,
विशाखापट्टनम,
आंध्र प्रदेश,

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