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"सुबह की रोशनी में"


 मुस्कान               के    साथ, 

 प्रकृति        की          सुंदरता, 

  अंधेरे          पर्दे    के       नीचे, 

 जीवन है      कितना     अजीब, 


 हर    जीव    जानता    है     कि, 

 समय पर  प्रकृति साथ नहीं   देता, 

  लोग       प्रकृति के लिए तरसते हैं, 

 लेकिन प्रकृति  समय पर दिखता है, 


 उगता    हुआ    सूरज की  किरणें, 

 प्रकृति को  सुंदर      से भर    देता, 

 अभी      याद आता   प्रकृति    का, 

 क्या         सुहावना       मौसम  है, 


 प्रकृति     हमारे  पीछे नहीं आती, 

 बल्कि हमें प्रकृति के साथ जाना है, 

 कभी-कभी     पूरा मजा  आता है, 

 यही है     प्रकृति की      सुंदरता, 


 जैसे-जैसे   प्रकृति    बदलती  है, 

 वैसे वैसे समय भी    बदलता  है, 

 हर जीव के     लिए  प्रकृति  का, 

 काफी  महत्वपूर्ण    योगदान  है, 

-

                    के. वी.  शर्मा, 

                     विशाखापट्टनम, 

                        आंध्र प्रदेश

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