हिंदी भाषा पर विश्वास,
हिंदी है स्नेह और दुलारी,
हिंदी मिश्री से भी मीठा,
यही हिंदी भाषा की शान,
हिंदी हिंदुस्तान की भाषा,
हिंदी भाषा को अपनाओ,
हिंदी हमारी संस्कृति की भाषा,
हिंदी से ही जीना और मरना है,
हिंदी भाषा भारत की आशा,
जिसने सबको जोड़ा है,
ऐसी जीवन रेखा है हिंदी,
जो जीवन की परिभाषा है,
हमारा जन्म हिंदुस्तान में,
हमें गर्व से कहने की,
हम हैं हिंदुस्तानी
और हमारी भाषा हिंदी,
हिंदी सबकी संगम है,
कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी,
हिंदी का ही बोल बाला,
हिंदी भाषा को अपनाओ,
- के . वी. शर्मा,
संपादक,
विशाखापट्टनम दर्पण हिंदी पाक्षिक पत्रिका,
विशाखा संदेशम तेलुगू मासिक पत्रिका,
विशाखापत्तनम -आंध्र प्रदेश,
दूरभाष-7075408286

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