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खम्भोलज साहित्य सेवा संस्था द्वारा सरदार जयंती के दिन 31 अक्टूबर 2025 को ऑनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया ।

.                            के.वी.शर्मा, संपादक,
31 अक्टूबर 2025 को प्रातः 7:00 बजे ऑनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. गुलाबचंद पटेल थे। विशिष्ट अतिथि के.वी. शर्मा, समाचार संपादक-इन-चीफ, विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश थे। अतिथि सुनील दत्त मिश्रा, छत्तीसगढ़ फिल्म अभिनेता उपस्थित रहे थे सरस्वती वंदना उषा दावड़ा ने प्रस्तुत की। संस्था अध्यक्ष डॉ. शैलेश वानिया शैल ने अतिथियों का परिचय कराया। कुल 67 सम्मानित कवि मित्रों ने भाग लिया, प्रीति परमार "प्रीत" जी ने मंच की शोभा बढ़ाई। व्हाट्सएप ग्रुप 526 कवियों से खचाखच भरा हुआ था। संस्था प्रमुख शैल द्वारा डिजिटल प्रमाण पत्र वितरित किए गए। धन्यवाद ज्ञापन किरण चोनकर दीवानी धरमपुर गुजरात ने किया। राष्ट्रगान फोरम आर. मेहता ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम सुबह 9.30 बजे समाप्त हुआ। भारत माता की जय।

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.         विशाखापत्तनम: विशाखापत्तनम दर्पण समाचार: माया महा ठगिन हम जानी , माया एवं प्रेम के अंतर को समझते हुए आज कथा वक्ता मानस गंगा पूज्या प्रियंका पांडेय जी ने कहा काम, क्रोध,मद और लाभ ये चार नर्क के मार्ग हैं। माया ने नारद को भी चक्कर में डाल दिया और संत शिरोमणि बाबा नारद भी विवाह न हो पाने का वियोग नहीं सह पाए और श्री हरि विष्णु को स्त्री वियोग का श्राप दे दिया जिसके कारण श्री हरि को श्री राम जी का अवतार लेकर सीता जी के वियोग में वन वन भटकना पड़ा ।  *हे खग मृग हे मधुकर श्रेणी तुम देखी सीता मृग नयनी ।* भगवान शिव एवं माता पार्वती के कथा को सुनाते हुए श्रीमती वक्ता ने कहा कि भगवान शिव ने सती को  सीता जी के रूप धारण करने पर उन्होंने सती जी का परित्याग कर दिया एवं बामांग में न बैठा कर अपने सम्मुख बैठाया जिसके कारण मां सती को अपने शरीर का त्यागना पड़ा ।     कथा मंच के कुशल खेवहिया पूर्वांचल कीर्तन मंडली एवं पूर्वांचल पूजा समिति विशाखापत्तनम के संस्थापक एवं सूत्रधार श्री भानु प्रकाश चतुर्वेदी जी ने अपने वक्तव्य में कहा हम रहे न रहें पर ये ...