सुरक्षा मानदंडों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने और सुरक्षित रेल संचालन से संबंधित सभी नियमों और दिशानिर्देशों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों की बहु-विषयक टीमों द्वारा नियमित रूप से अंतर-क्षेत्रीय सुरक्षा ऑडिट किए जा रहे हैं।
निरीक्षण के दौरान, टीम ने पीडीटी-केटीवी (किमी 855.236 से 855) के बीच कर्व संख्या 8, कोट्टावलसा स्टेशन यार्ड सहित इसके पॉइंट और क्रॉसिंग, मध्य लाइन पर अलमंदा-कोरुकोंडा के बीच प्रमुख पुल, कोमाटीपल्ली-डोनकिनावलासा के बीच इंजीनियरिंग द्वारा संचालित लेवल क्रॉसिंग गेट, बोब्बिली स्टेशन और इसका रिले रूम, कोमाटीपल्ली यार्ड, कोमाटीपल्ली में ट्रैक्शन सब-स्टेशन, लेवल क्रॉसिंग गेट आरवी-323, कोचिंग क्रू लॉबी, विशाखापत्तनम में दुर्घटना राहत चिकित्सा उपकरण वैन, दुर्घटना राहत ट्रेन, नया कोचिंग कॉम्प्लेक्स, रनिंग रूम और विशाखापत्तनम में रूट रिले इंटरलॉकिंग केबिन की जांच की।ऑडिट टीम में श्री उत्तम प्रकाश, प्रधान मुख्य सुरक्षा अधिकारी; श्री अतुल राणे, मुख्य यात्री यातायात प्रबंधक; श्री रंजन बेहरा, मुख्य संचार इंजीनियर; श्री सतीश चंद्र प्रसाद, मुख्य रोलिंग स्टॉक इंजीनियर (कोचिंग); श्री भरत लाल मीणा, मुख्य सामान्य इंजीनियर; श्री देबजीत मिश्रा, मुख्य विद्युत लोको इंजीनियर; श्री आशीष कुमार सिन्हा, उप मुख्य संरक्षा अधिकारी (एस एंड टी); श्री सत्यब्रत साहा, उप मुख्य संरक्षा अधिकारी (इंजीनियरिंग); और श्री रमेश कुमार महतो, उप मुख्य संरक्षा अधिकारी (यातायात)। टीम के साथ श्री के. रामा राव, अपर रेल प्रबंधक (संचालन), श्री आनंद कुमार मुटाटकर, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी, और वाल्टेयर मंडल के अन्य शाखा अधिकारी मौजूद थे। मंडल रेल प्रबंधक श्री ललित बोहरा ने लेखापरीक्षा दल के साथ बातचीत की और संरक्षा संबंधी टिप्पणियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस तरह के आवधिक अंतर-क्षेत्रीय निरीक्षण संरक्षा प्रदर्शन का मूल्यांकन करने, प्रणालीगत कमियों की पहचान करने और सुधारात्मक उपायों की सिफारिश करने के लिए एक प्रभावी तंत्र के रूप में कार्य करते हैं। क्षेत्रीय रेलवे अपनी लेखापरीक्षा रिपोर्ट और उसके बाद की गई कार्रवाई रिपोर्ट रेल मंत्रालय को प्रस्तुत करते हैं, जिनका बाद में रेलवे बोर्ड द्वारा विश्लेषण किया जाता है ताकि सुरक्षा मानकों में निरंतर सुधार के लिए आवश्यक निर्देश तैयार किए जा सकें।
. विशाखापत्तनम: विशाखापत्तनम दर्पण समाचार: माया महा ठगिन हम जानी , माया एवं प्रेम के अंतर को समझते हुए आज कथा वक्ता मानस गंगा पूज्या प्रियंका पांडेय जी ने कहा काम, क्रोध,मद और लाभ ये चार नर्क के मार्ग हैं। माया ने नारद को भी चक्कर में डाल दिया और संत शिरोमणि बाबा नारद भी विवाह न हो पाने का वियोग नहीं सह पाए और श्री हरि विष्णु को स्त्री वियोग का श्राप दे दिया जिसके कारण श्री हरि को श्री राम जी का अवतार लेकर सीता जी के वियोग में वन वन भटकना पड़ा । *हे खग मृग हे मधुकर श्रेणी तुम देखी सीता मृग नयनी ।* भगवान शिव एवं माता पार्वती के कथा को सुनाते हुए श्रीमती वक्ता ने कहा कि भगवान शिव ने सती को सीता जी के रूप धारण करने पर उन्होंने सती जी का परित्याग कर दिया एवं बामांग में न बैठा कर अपने सम्मुख बैठाया जिसके कारण मां सती को अपने शरीर का त्यागना पड़ा । कथा मंच के कुशल खेवहिया पूर्वांचल कीर्तन मंडली एवं पूर्वांचल पूजा समिति विशाखापत्तनम के संस्थापक एवं सूत्रधार श्री भानु प्रकाश चतुर्वेदी जी ने अपने वक्तव्य में कहा हम रहे न रहें पर ये ...




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