के.वी.शर्मा, संपादक,
पूर्वी तट रेलवे के वाल्टेयर मंडल ने डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी), जीवन प्रमाण को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है। इस अभियान का नेतृत्व किरंदुल स्टेशन पर अपर रेल प्रबंधक (संचालन) श्री के. रामा राव ने किया, जबकि सहायक कार्मिक अधिकारी श्री डी. वी. अप्पा राव ने जगदलपुर, कोरापुट, लक्ष्मीपुर रोड और रायगढ़ में अभियान का संचालन किया। इसके बाद श्रीकाकुलम में एक शिविर आयोजित किया गया, जिसे आने वाले सप्ताह में विशाखापत्तनम और विजयनगरम में भी आयोजित करने की योजना है।
यह सरकारी पहल पेंशनभोगियों के लिए जीवन प्रमाण पत्र की प्रक्रिया को सरल बनाती है। डीएलसी, जिसे जीवन प्रमाण के नाम से भी जाना जाता है, का उद्देश्य सेवानिवृत्त केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पेंशन सेवाओं को अधिक सुलभ और कुशल बनाना है। इस कार्यक्रम को फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक, बायोमेट्रिक उपकरणों, मोबाइल एप्लिकेशन और घर-घर जाकर जीवन प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए संशोधित किया गया है, ताकि बिना किसी व्यक्तिगत मुलाकात या कागजी कार्रवाई के जीवन प्रमाण पत्र सत्यापित किए जा सकें।पूर्वी तट रेलवे के वाल्टेयर मंडल ने डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी), जीवन प्रमाण को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है। इस अभियान का नेतृत्व किरंदुल स्टेशन पर अपर रेल प्रबंधक (संचालन) श्री के. रामा राव ने किया, जबकि सहायक कार्मिक अधिकारी श्री डी. वी. अप्पा राव ने जगदलपुर, कोरापुट, लक्ष्मीपुर रोड और रायगढ़ में अभियान का संचालन किया। इसके बाद श्रीकाकुलम में एक शिविर आयोजित किया गया, जिसे आने वाले सप्ताह में विशाखापत्तनम और विजयनगरम में भी आयोजित करने की योजना है।
प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले इस अभियान का यह चौथा संस्करण है जो 1 से 30 नवंबर, 2025 तक चलेगा। यह पेंशन वितरण बैंकों और पेंशनभोगी कल्याण संघों के सहयोग से पूरे मंडल में चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक पेंशनभोगी, चाहे वह किसी भी स्थान या आवागमन की बाधाओं से ग्रस्त हो, अपना जीवन प्रमाण पत्र आसानी से और सुरक्षित रूप से जमा कर सके।




Comments
Post a Comment