कैबिनेट ने मुख्य रूप से ज़िलों के री-डिवीजन के प्रस्तावों को मंज़ूरी दी। सरकार ने बताया कि ये फ़ैसले राज्य के अलग-अलग हिस्सों में जनता की ज़रूरतों और एडमिनिस्ट्रेशन में आसानी को ध्यान में रखकर लिए गए थे।
*कैबिनेट के अहम फ़ैसले..*
राजमपेट अब कडप्पा ज़िले में होगा। कैबिनेट ने राजमपेट चुनाव क्षेत्र, जो पहले अन्नामय्या ज़िले के तहत आता था, को कडप्पा ज़िले में मिलाने का फ़ैसला किया है। रेलवे कोडुर चुनाव क्षेत्र को तिरुपति ज़िले में ट्रांसफ़र करने का फ़ैसला किया गया है। कैबिनेट ने रेलवे कोडुर चुनाव क्षेत्र को तिरुपति ज़िले में ट्रांसफ़र करने के प्रस्ताव को भी मंज़ूरी दे दी है। 3 नए ज़िले बनेंगे..
कैबिनेट मीटिंग में मदनपल्ले, मरकापुरम और रामपचोदवरम नए ज़िले बनाने को मंज़ूरी दी गई। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश में कुल जिलों की संख्या बढ़कर 28 हो गई है। गुडूर चुनाव क्षेत्र को नेल्लोर जिले में मिलाने का फैसला किया गया है। कैबिनेट ने गुडूर को तिरुपति जिले से नेल्लोर जिले में मिलाने को मंजूरी दे दी है।
अधिकारियों ने कहा कि इससे यह पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के और करीब आ जाएगा। 5 नए रेवेन्यू डिवीजन बनेंगे। कैबिनेट ने राज्य में एडमिनिस्ट्रेटिव सुविधा बढ़ाने के लिए 5 नए रेवेन्यू डिवीजन बनाने को मंजूरी दी है।
सरकार ने घोषणा की है कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद कल फाइनल गजट नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। इस गजट के साथ ही जिलों में हुए बदलाव आधिकारिक तौर पर लागू हो जाएंगे। खबर है कि सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कैबिनेट मीटिंग में साफ कर दिया कि जिलों के दोबारा बंटवारे और नए जिलों के बनने से लोगों को सरकारी सेवाएं तेजी से और ज्यादा पारदर्शी तरीके से मिलेंगी।
अधिकारियों का मानना है कि नए बने जिले और रेवेन्यू डिवीजन लोकल डेवलपमेंट और एडमिनिस्ट्रेटिव कोऑर्डिनेशन के लिए अहम बनेंगे। सरकार ने कहा कि ये फैसले राज्य के एडमिनिस्ट्रेटिव सिस्टम को लोगों के करीब लाने, डेवलपमेंट को डीसेंट्रलाइज़ करने और एडमिनिस्ट्रेशन की स्पीड बढ़ाने के मकसद से लिए गए हैं।
के.वी.शर्मा, संपादक,

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