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भक्तमाल कथा : : द्वारपाल हरि के प्रिय दोऊ…जय अरु विजय जानि सब कोऊ…

.       विशाखापत्तनम:विशाखापत्तनम दर्पण:क्रांति नगर विशाखापत्तनम भक्तमाल कथा के माध्यम से मानस गंगा पूज्या श्रीमती प्रियंका पांडेय जी ने कहा विप्र अवहेलना से तीन जनम का नास होता है। जैसे श्री हरि के प्रिय द्वारपाल होते हुए भी जय और विजय , सनकादी ऋषियों सनक , सनंदन, सनातन, व सनत कुमार, की आज्ञा का उल्लंघन एवं श्री हरि के दर्शन में अवरोध बनने के कारण ,सतयुग में हिरणाक्ष, हिरणकश्यप, त्रेता में रावण और कुंभकरण, और द्वापर में शिशुपाल और दंतवक्र,बने ।

और भगवान श्री हरि को उनके उद्धार के लिए वराह, नरसिंह, श्री राम, और श्री कृष्ण बन कर पृथ्वी पर आना पड़ा ।

कथा में भक्त ध्रुव को कथा को भी उद्धृत करते हुए कथा वक्ता मानस गंगा पूज्या प्रियंका पांडेय जी ने कहा संसार की रति, और मोह से मन को हटाकर श्री हरि के चरणों में लीन हो जाना अटूट विश्वास रखना ही भक्ति है ।

कार्यक्रम के दौरान नगर के जाने-माने हिंदी जगत के वरिष्ठ पत्रकार एवं विशाखापट्टनम दर्पण हिंदी पक्षी पत्रिका के कार्यपालक संपादक डॉ राघवेंद्र मिश्रा को मंच पर पूर्वांचल कीर्तन मंडली के पदाधिकारी एवं सदस्यों द्वारा शॉल ओढ़ कर भव्य तरीके से सम्मानित किया गया

                            के.वी.शर्मा,

                              संपादक,


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